माना जाता है कि राजसूय यज्ञ के समय जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध कर दिया था तो तब उनकी अंगुली से खून बहने लगा था। इसे देखकर द्रौपदी ने तुरंत ही अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी अंगुली पर बांध दिया था। श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को आशीर्वाद देकर कहा था कि एक दिन मैं अवश्य तुम्हारी साड़ी की कीमत अदा करूंगा। इन कर्मों की वजह से श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीरहरण के समय उनकी साड़ी को इस पुण्य के बदले ब्याज सहित इतना बढ़ाकर लौटा दिया और उनकी लाज बच गई। कहते हैं कि इसी के बाद रक्षा बंधन पर बहन द्वारा राखी बांधने की परंपरा की शुरुआत हुई थी। आइए जानते है Raskha Bandhan 2024 की तिथि और महूर्त के बारे में
रक्षा बंधन एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और संबंध को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र तथा सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।
रक्षा बंधन की तिथि (Raksha Bandhan 2024 ki Tithi)
रक्षा बंधन का पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में, रक्षा बंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए ज्योतिषाचार्य राममेहर शर्मा से संपर्क करें
रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से भाई-बहन के संबंध और भी मजबूत होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष 2024 में रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:
Raksha Bandhan 2024 का शुभ मुहूर्त समय: सुबह 3 बजकर 4 मिनट पर आरंभ हो जाएगी और इसका समापन 19 अगस्त की रात 11 बजकर 55 मिनट पर होगा।
रक्षा बंधन का महत्व (Raksha Bandhan Ka Mahatv)
भाई-बहन का प्रेम: रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके प्रति अपने प्रेम और स्नेह को प्रकट करती हैं।
सुरक्षा और जिम्मेदारी: भाई राखी बंधवाने के बाद अपनी बहनों की सुरक्षा और उनकी हर संभव मदद करने का वचन देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।
सामाजिक बंधन: रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और प्रेम की भावना को भी बढ़ावा देता है।
धार्मिक महत्व: रक्षा बंधन का पर्व धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की जाती है।
परिवार का मिलन: रक्षा बंधन के दिन परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं, जिससे परिवारिक बंधन मजबूत होते हैं और आपसी प्रेम और सद्भावना बढ़ती है।
निष्कर्ष
रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और संबंध को मजबूत करने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ाना है। शुभ मुहूर्त में राखी बांधकर इस पर्व का आनंद लें और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं।